चलो मन गंगा यमुना तीर के मंच पर,धनुष यज्ञ लीला का हुआ भावपुर्ण मंचन
उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र, प्रयागाज की ओर से अयोजित दस दिवसीय लोकगीतो एवं लोकनृत्यों का इन्द्रधनुषीय कार्यक्रम शुक्रवार को रंगारंग प्रस्तुतियों के साथ समापन हुआ। लखनऊ घराने से तालुक रखने वाली प्रख्यात नृत्यांगना कुमकुम आदर्श के निर्देशन में उनके दलांे द्वारा ‘‘कथा रघुनाथ’’ की (कत्थक बैले) की प्रस्तुति देकर दर्शकों को मंत्रमुग्थ कर दिया। कत्थक बैले में अंजुल वाजपाई, एकता मिश्रा, सीमा पाल, आदि ने अपने नृत्य से लोगों की खूब तालियां बटोरी।
कुॅवर तेज भानु सिंह के निर्देशन में राम लीला के धनुष यज्ञ प्रसंग का प्रभावी प्रस्तुति दी गई। मंच पर राम का धनुष उठाकर तोड़ना और परशुराम का क्रोधित होना सहित अन्य प्रंसग श्रद्वालुओं को सम्मोहित करते रहे।
राम ने तोड़ा धनुष- सीता स्वमवर में जब तमाम राजा धनुष उठा नही सके तब भगवान श्रीराम ने मुनी विश्वामित्र की आज्ञा से धनुष उठाया तो धनुष टूट गया धनुष टुटते ही सीता ने राम के गले मे वरमाला पहनाई तो पुरे पण्डाल में चारो तरफ श्रीराम के जयघोष होने लगा धनुष यज्ञ, परशुराम-लक्ष्मण संवाद समेत विभिन्न लीलाओ का मंचन किया गया है। धनुष यज्ञ की लीला का दर्शकों ने भावपूर्ण मंचन देखकर भाव विभोर हो गये वहीं परशुराम लक्ष्मण संवाद ने मंच पर जीवंत कर दिया।
कार्यक्रम का शुभारम्भ श्री बुद्वेश्वरानन्द के गंगा गीत ‘‘तोहरी चरनिया के धूल हो गंगा माई दादा न भूले से होती है’’ इसके बाद पवर कुमार यादव एव दल ने ‘‘भक्त आइल तोहरी दुअरीया’’ पुस्तुति दी’’ वहीं अशोक कुमार एवं सुधेश्वर शुक्ला ने लोकगीत की शानदार प्रस्तुति देकर दर्शकों का मन मोह लिया। कार्यक्रम के अंत में केंद्र निदेशक प्रो. सुरेश शर्मा की ओर से धन्यवाद ज्ञपित किया गया। संचालन संजय पुरुषार्थी ने किया।