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प्रकृति संरक्षण से होता है आध्यात्मिक चेतना का विकास-शंकराचार्य अधोक्षजानंद देवतीर्थ,शंकराचार्य शिविर में प्रकृति धर्म अध्यात्म चिंतन शिविर संपन्न

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प्रकृति संरक्षण से होता है आध्यात्मिक चेतना का विकास-शंकराचार्य अधोक्षजानंद देवतीर्थ,शंकराचार्य शिविर में प्रकृति धर्म अध्यात्म चिंतन शिविर संपन्न


प्रयागराज। पूर्वाम्नाय गोवर्धन मठ पुरी पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अधोक्षजानंद देवतीर्थ ने प्रकृति संरक्षण पर जोर देते हुए कहा कि यह एक पुण्य कार्य है। इससे व्यक्ति के भीतर आध्यात्मिक चेतना का विकास होता है। हर व्यक्ति को चाहिए कि वह प्रकृति के संरक्षण के लिये चिंतन करे तथा इस अभियान को जन जन तक पहुंचाये। शंकराचार्य रविवार को माघमेला क्षेत्र के ओल्ड जीटी रोड स्थित श्री आद्य शंकराचार्य धर्मोत्थान संसद शिविर में प्रकृति धर्म अध्यात्म मंथन शिविर में देश विदेश से आये कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे। इस दो दिवसीय शिविर का समापन रविवार सायंकाल हुआ।
शंकराचार्य अधोक्षजानंद देवतीर्थ ने कहा कि इस संगम भूमि पर अनादि काल से ऋषि-मुनि चिंतन करते रहे हैं। यह क्षेत्र तपःस्थली है। यहां गोस्वामी तुलसीदास का महर्षि याज्ञवल्क्य एवं भरद्वाज के साथ गुप्त संवाद हुआ था। इसी का परिणाम हुआ कि रामचरित मानस जैसी महान रचना मानव जाति के समक्ष आयी। यह हमारे समाज का मार्ग दर्शक ग्रंथ है। उन्होंने कहा कि नदियों एवं प्रकृति के संरक्षण के लिये आप प्रकृति योद्धाओं ने संकल्प लिया है, यह महत्वपूर्ण है। आप लोग अवश्य अपने लक्ष्य को प्राप्त करेंगे। महाराजा हर्षवर्धन भी यहां कुंभ मेला के अवसर पर आकर पूजा अर्चना करते थे और अपना सर्वस्व दान देकर चले जाते थे। इससे उनका पराक्रम बढ़ा और वे भारत के महान राजा बने।
शंकराचार्य ने कहा कि आज संसार को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिये नदियों, पहाड़ों एवं पेड़ों को बचाने की जरूरत है। इसे विनष्ट होने से बचाना है। विधाता ने इसीलिये मनुष्य की रचना की। इसे हमें समझना होगा। आप प्रकृति योद्धाओं को मां गंगा, यमुना एवं सरस्वती ने इसी उद्देश्य से बुलाया है। उन्होंने कहा कि वे 2021 भारत यात्रा पर निकले थे। फिर यात्रा का विस्तार कर उन्होंने अखंड भारत यात्रा के दौरान सात देशों की यात्रा की। इस यात्रा के दौरान उन्होंने लोगों को प्रकृति संरक्षण का संदेश दिया।
इस अवसर पर शंकराचार्य ने नेपाल सहित देश के विभिन्न राज्यों से डा़ हर्ष प्रभा, विक्रम यादव, समीर अंसारी, नैपाल सिंह पाल, शनि कुमार, सुनील कुमार, अमित मकरंद, दिलीप कुमार, डा़ अमित कुमार, ललिता देवी, तन्नू कुमारी, आरती कुमारी, कन्हैया, श्याम संुदर गुप्ता, जगत सिंह, उमेश कुमार, मंटू कुमार, अमित कुमार चैधरी, ऋषिकेश कुमार, जीतेंद्र मिश्र, टोडरमल प्रसाद, शिवम कुमार, अशोक कुमार गुप्ता, सुमन गुप्ता, आलोक कुमार गुप्ता आदि को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम में विशेष रूप से डा़ धर्मेन्द्र उपस्थित थे। संचालन डा़ ब्रजेंद्र प्रताप सिंह ने किया। इसका आयोजन तुलसी-नीम-पीपल अभियान पटना ने किया।

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