पुरखों की क़बरों को रौशन करने के साथ तिलावत और मग़फिरत की दूआ में गुजरी रात
पुरखों की क़बरों को रौशन करने के साथ तिलावत और मग़फिरत की दूआ में गुजरी रात*
प्रायगराज :- माहे शाबान की चौदहवीं रात को शबे बारात पर जहां मुस्लिमों ने अपने आबा ओ अशदाद को याद कर घरों के अन्दर हलवे और खाने पर नज़्रो नियाज़ व फातेहाख्वानी कर उनकी मग़फिरत को बारगाहे खुदावन्दी में हॉथ फैला कर मग़फिरत की दुआ मांगी वहीं खाने व हलवे को ग़रीबों फक़ीरों व ज़रुरतमन्दों को पहुंचा कर उनसे अपने पुरखों के लिए दुआ की गुज़ारिश भी की।नज़्रो नियाज़ के बाद शहर के तक़रीबन सभी क़ब्रिस्तानों दरगाहों पर देर रात तक लोगों का जाना और अपने आबा ओ अशदाद की क़बरों पर मोमबत्तियां जलाकर व सुगन्धित अगरबत्ती जला कर उनकी मग़फिरत को दुआ होती रही।बड़ी संख्या महिलाएं भी क़बरों के सिरहाने बैठ कर क़ुरान की पाक आयतों को पढ़ कर अपने मरहूमीन अज़ीज़ व अक़रुबा की मग़फिरत को दुआ करती रहीं।चकिया बड़ी करबला क़ब्रिस्तान,छोटी करबला ,काला डाढ़ा ,दरियाबाद ,अकेलवा आम , अकबरपुर ,तकिया क़ब्रिस्तान ,हसन मंज़िल क़ब्रिस्तान ,रौशन बाग़ ,कीडगंज सहित खानकाहों दरगाहों और पीर सुफी और तमाम छोटे बड़े रौज़ों पर भी जायरीनों और दुआ मांगने वालों का तांता लगा रहा।
*रंगीन झालरों और रंग बिरंगी मोमबत्तीयों से जगमग रहे क़ब्रिस्तान*
क़ब्रिस्तान कमेटी के लोगों ने शब ए बारात को लेकर कई दिनों से तय्यारीयां शुरु कर दी थी।क़ब्र खोदने वालों के साथ बाहरी मज़दूरों को लगा कर जहां क़बरों पर मिट्टी चढ़ाई गई वहीं क़ब्रिस्तान को खास तरीक़े से रंग बिरंगी झालरों और रंगीन रॉड लगा कर सजाया गया था। लाउडस्पीकर पर रात भर तिलावते कलामे पाक की सूरों का मय तर्जुमा प्रसारण होता रहा।
उम्मुल बनीन सोसायटी के महासचिव सैय्यद मोहम्मद अस्करी के अनुसार शबे बारात के दूसरे दिन पंद्रहवीं को ज़्यादातर लोग रोज़ा रखते हैं ऐसे में रात भर इबादत में गुजारने के बाद बुधवार को माहे शाबान की पंद्रह को रोज़ा रखा जायगा।
*बारहवें इमाम मेहदी की यौमे विलादत की शब में कई जगहों पर सजी जश्न की महफिल*
दरियाबाद के इमामबाड़ा हुसैन अली खां व नूर उल्ला रोड मदरसा जामिया इमामिया अनवारुल उलूम में बारहवें इमाम मेहदी आखिरुज़्ज़मा की यौमे विलादत की पूर्व संध्या पर जश्न की महफिल सजी।सैय्यद हैदर शीलू की ओर से सजाई गई महफिल में शिया जामा मस्जिद के इमाम ए जुमा सैय्यद हसन रज़ा ज़ैदी ने सदारती तक़रीर में बारहवें इमाम मेहदी आखिरुज़्ज़मा की फजीलत बयान की तो अनीस जायसी के संचालन में दो दर्जन शायरों ने एक एक कर अपने अशआर सुना कर वाह वाही बटोरी।वहीं मदरसा जामिया इमामिया अनवारुल उलूम में मौलाना जवादुल हैदर रिज़वी की सरपरस्ती में महफिल में शायरों व मदरसे के तालिब इल्मों ने मदहे मौला मेहदी की शान में कसीदे पढ़े।शायर ज़मीर भोपतपूरी ,हसनैन मुस्तफाबादी ,डॉ क़मर आब्दी ,आज़म मेरठी ,ज़की अहसन ,जावेद रिज़वी करारवी ,नज़ीर करारवी ,हम्माद इलाहाबादी ,रौनक सफीपुरी , मौलाना आमिरुर रिज़वी ,हुज़ूर नक़वी ,शहीर रालवी ,औन प्रतापगढ़ी आदि ने एक से बढ़ कर एक अशआर पढ़ कर वाह वाही बटोरी।
भवदीय
सैय्यद मोहम्मद अस्करी
प्रायगराज :- माहे शाबान की चौदहवीं रात को शबे बारात पर जहां मुस्लिमों ने अपने आबा ओ अशदाद को याद कर घरों के अन्दर हलवे और खाने पर नज़्रो नियाज़ व फातेहाख्वानी कर उनकी मग़फिरत को बारगाहे खुदावन्दी में हॉथ फैला कर मग़फिरत की दुआ मांगी वहीं खाने व हलवे को ग़रीबों फक़ीरों व ज़रुरतमन्दों को पहुंचा कर उनसे अपने पुरखों के लिए दुआ की गुज़ारिश भी की।नज़्रो नियाज़ के बाद शहर के तक़रीबन सभी क़ब्रिस्तानों दरगाहों पर देर रात तक लोगों का जाना और अपने आबा ओ अशदाद की क़बरों पर मोमबत्तियां जलाकर व सुगन्धित अगरबत्ती जला कर उनकी मग़फिरत को दुआ होती रही।बड़ी संख्या महिलाएं भी क़बरों के सिरहाने बैठ कर क़ुरान की पाक आयतों को पढ़ कर अपने मरहूमीन अज़ीज़ व अक़रुबा की मग़फिरत को दुआ करती रहीं।चकिया बड़ी करबला क़ब्रिस्तान,छोटी करबला ,काला डाढ़ा ,दरियाबाद ,अकेलवा आम , अकबरपुर ,तकिया क़ब्रिस्तान ,हसन मंज़िल क़ब्रिस्तान ,रौशन बाग़ ,कीडगंज सहित खानकाहों दरगाहों और पीर सुफी और तमाम छोटे बड़े रौज़ों पर भी जायरीनों और दुआ मांगने वालों का तांता लगा रहा।
*रंगीन झालरों और रंग बिरंगी मोमबत्तीयों से जगमग रहे क़ब्रिस्तान*
क़ब्रिस्तान कमेटी के लोगों ने शब ए बारात को लेकर कई दिनों से तय्यारीयां शुरु कर दी थी।क़ब्र खोदने वालों के साथ बाहरी मज़दूरों को लगा कर जहां क़बरों पर मिट्टी चढ़ाई गई वहीं क़ब्रिस्तान को खास तरीक़े से रंग बिरंगी झालरों और रंगीन रॉड लगा कर सजाया गया था। लाउडस्पीकर पर रात भर तिलावते कलामे पाक की सूरों का मय तर्जुमा प्रसारण होता रहा।
उम्मुल बनीन सोसायटी के महासचिव सैय्यद मोहम्मद अस्करी के अनुसार शबे बारात के दूसरे दिन पंद्रहवीं को ज़्यादातर लोग रोज़ा रखते हैं ऐसे में रात भर इबादत में गुजारने के बाद बुधवार को माहे शाबान की पंद्रह को रोज़ा रखा जायगा।
*बारहवें इमाम मेहदी की यौमे विलादत की शब में कई जगहों पर सजी जश्न की महफिल*
दरियाबाद के इमामबाड़ा हुसैन अली खां व नूर उल्ला रोड मदरसा जामिया इमामिया अनवारुल उलूम में बारहवें इमाम मेहदी आखिरुज़्ज़मा की यौमे विलादत की पूर्व संध्या पर जश्न की महफिल सजी।सैय्यद हैदर शीलू की ओर से सजाई गई महफिल में शिया जामा मस्जिद के इमाम ए जुमा सैय्यद हसन रज़ा ज़ैदी ने सदारती तक़रीर में बारहवें इमाम मेहदी आखिरुज़्ज़मा की फजीलत बयान की तो अनीस जायसी के संचालन में दो दर्जन शायरों ने एक एक कर अपने अशआर सुना कर वाह वाही बटोरी।वहीं मदरसा जामिया इमामिया अनवारुल उलूम में मौलाना जवादुल हैदर रिज़वी की सरपरस्ती में महफिल में शायरों व मदरसे के तालिब इल्मों ने मदहे मौला मेहदी की शान में कसीदे पढ़े।शायर ज़मीर भोपतपूरी ,हसनैन मुस्तफाबादी ,डॉ क़मर आब्दी ,आज़म मेरठी ,ज़की अहसन ,जावेद रिज़वी करारवी ,नज़ीर करारवी ,हम्माद इलाहाबादी ,रौनक सफीपुरी , मौलाना आमिरुर रिज़वी ,हुज़ूर नक़वी ,शहीर रालवी ,औन प्रतापगढ़ी आदि ने एक से बढ़ कर एक अशआर पढ़ कर वाह वाही बटोरी।